हौसला बुलन्द रख, लिख दे अपने ही हाथों अपनी तकदीर। हौसला बुलन्द रख, लिख दे अपने ही हाथों अपनी तकदीर।
कट जाएं मेरी सोच के पर... तुमको इससे क्या ? कट जाएं मेरी सोच के पर... तुमको इससे क्या ?
स्वयं को आजमाने मैं समय व्यर्थ बीत जाता है नाकामियों के बहाने बनाने में बस यही एक फर्क रह... स्वयं को आजमाने मैं समय व्यर्थ बीत जाता है नाकामियों के बहाने बनाने में ...
पता नहीं किन-किन नामों से बॉंटते आ रहे हैं। पता नहीं किन-किन नामों से बॉंटते आ रहे हैं।
पुरुष प्रधान इस लोक में अपना गरिमा ढूंढते रहते हैं। पुरुष प्रधान इस लोक में अपना गरिमा ढूंढते रहते हैं।
क्यूँ कि अब तक थका नहीं हूँ मैं। क्यूँ कि अब तक थका नहीं हूँ मैं।